एमपी-पीएससी (MPPSC) में चयन के बाद भी 1 साल से ज्वाइनिंग की प्रतीक्षा कर रहे असिस्टेंट प्रोफेसर्स (Asistant Professors) ने महू में सामूहिक मुंडन करा विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी महू से भोपाल तक तिरंगा यात्रा (Tiranga Yatra) निकाल सीएम और गवर्नर (MP Governor) को सौंपेंगे संविधान की प्रतियां.इंदौर. पिछले एक साल से ज्वाइनिंग के लिए भटक रहे असिस्टेंट प्रोफेसर्स (Asistant Professors), खेल अधिकारी और ग्रंथपालों ने रविवार को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू में अनोखा विरोध प्रदर्शन किया.प्रदर्शनकारियों ने सामूहिक मुंडन करा अपनी मांग के प्रति सरकार और मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग ((MPPSC) का ध्यान खींचने का प्रयास किया. इसके बाद सभी लोग अंबेडकर स्मारक महू से भोपाल तक तिरंगा झंडा लेकर पैदल ही राजधानी के लिए रवाना हो गए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे संविधान बचाओ यात्रा निकाल रहे हैं. भोपाल पहुंचकर वे लोग सीएम कमलनाथ (CM Kamalnath) और राज्यपाल (MP Governor) लालजी टंडन को ज्ञापन सौंपकर सामूहिक भूख हड़ताल करेंगे.
सरकार ने गुहार न सुनी तो आंदोलन
पीएससी में चयनित सहायक प्राध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रकाश खातरकर ने कहा कि मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री के साथ-साथ विभाग के अफसरों से कई बार गुहार लगाने के बाद उन्हें संविधान बचाओ आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ा है. आज सभी चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर महू से भोपाल तक की तिरंगा यात्रा निकले हैं. सभी चयनितों में भारी रोष है. उन्होंने कहा कि 12 नवंबर को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नियुक्ति का ठोस आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक नियुक्ति प्रक्रिया का आगे नहीं बढ़ना, शासन-प्रशासन की उदासीनता है. ऐसा लगता है जैसे पीएससी परीक्षा पास करके हमने कोई गुनाह कर लिया. नेट, सेट पीएचडी करके भी हमको सरकार बेरोजगारी की हालत में तड़पा रही है.गवर्नर को भेंट करेंगे संविधान की प्रति
डॉ. खातरकर ने कहा कि हम सामूहिक रूप से मर्यादा में रहकर संविधान निर्माता डॉ बाबा साहब अंबेडकर के जन्म स्थान महू में पीएससी की परीक्षा देकर चयन का प्रायश्चित करना चाहते हैं. अपने संवैधानिक अधिकार और संवैधानिक संस्था पीएससी की रक्षा के लिए भारतीय संविधान की प्रतियां मुख्यमंत्री और महामहिम राज्यपाल को भेंट करेंगे. उन्होंने बताया कि ये यात्रा महू से शुरू हुई है जो राऊ, इंदौर, देवास, सोनकच्छ, आष्टा, सीहोर होते हुए राजधानी भोपाल पहुंचेगी. सामूहिक मुंडन को लेकर उन्होंने कहा कि मुंडन कराने के बाद सीएम को बाल सौंपकर विरोध जताएंगे और सरकार से जल्द से जल्द नियुक्ति देने की मांग करेंगे. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा के हालात दिनों-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. कॉलेजों में 5 हजार से ज्यादा प्रोफ़ेसरों के पद खाली पड़े हैं जबकि 2018 में मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग से चयनित 2500 प्रोफेसर नियुक्ति के भटक रहे हैं.
इंदौरः नौकरी के लिए असिस्टेंट प्रोफेसरों ने किया अनोखा विरोध, तिरंगा यात्रा निकाली