जबलपुर(Jabalpur News): अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को शहर में कार्यरत मूलतः जबलपुर निवासी इंजीनियर को साइबर ठगों ने 6 हजार डॉलर यानी करीब 4 लाख 30 हजार रुपए का चूना लगा दिया। इंजीनियर को ठगने के लिए फर्जी फेसबुक आईडी का सहारा लिया गया। फेसबुक आईडी इंजीनियर के साथ जबलपुर में पढ़े एक युवक का नाम व फोटो इस्तेमाल कर बनाई गई थी। जिससे इंजीनियर को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर ठग ने दोस्ती कर पुराने संबंधों की याद दिलाई और अपनी मां की बीमारी का हवाला देकर कुछ पैसे उधार मांगे। इंजीनियर ने बिना देर किए उसके बैंक खाते में दो बार में 3-3 हजार डॉलर भेज दिए। रकम भेजने के अगले दिन जब उसने अमेरिका से जबलपुर में बैठे अपने दोस्त से मोबाइल पर बात कर मां का हाल पूछा तो हकीकत सामने आ गई। अमेरिका में इंजीनियर युवक के जबलपुर अग्रवाल कॉलोनी निवासी पिता की शिकायत पर राज्य साइबर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
यह है मामलाः राज्य साइबर पुलिस ने बताया कि अग्रवाल कॉलोनी निवासी युवक जबलपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद सेन फ्रांसिस्को अमेरिका चला गया था। वहां वह बतौर इंजीनियर एक कंपनी में नौकरी करता है। 15 नवंबर को जबलपुर निवासी एक दोस्त का नाम व फोटो का उपयोग कर बनाई गई फर्जी फेसबुक आईडी से इंजीनियर को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी गई। करीब 1 दशक से बिछड़े दोस्त की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिलते ही इंजीनियर ने उसे स्वीकार कर लिया और दोनों के बीच मैसेंजर पर बातचीत होने लगी।
अगले ही दिन दोस्त बने ठग ने मैसेंजर पर संदेश लिखा कि उसकी मां बहुत बीमार है और इलाज के लिए पैसों की आवश्यकता है। इंजीनियर ने बिना देर किए उसका बैंक खाता नंबर पूछा और दो बार में 3-3 हजार डॉलर अमेरिका से भेज दिए।
एक दिन बाद सामने आई ठगी की जानकारीः एक दशक से बिछड़े दोस्त की मुसीबत में मदद कर इंजीनियर खुश था। अगले दिन उसने जबलपुर निवासी दोस्त से मोबाइल पर बात की और मां का हाल पूछा। उसने बताया कि मां की सेहत तो खराब ही नहीं थी। यह सुनने के बाद इंजीनियर ने फेसबुक पर उसके नाम से आई फ्रेंड रिक्वेस्ट और उसके बाद हुई 6 हजार डॉलर की पूरी घटना बताईदिल्ली में निकाला गया पैसाः इधर, इंजीनियर के पिता की शिकायत पर साइबर पुलिस द्वारा की गई प्राथमिक जांच में यह जानकारी सामने आई है कि अमेरिका से जिस खाते में रकम ट्रांसफर की गई थी वह बैंक दिल्ली में स्थित है। अमेरिका से रकम पहुंचते ही उस खाते से दूसरे खाते में रकम ट्रांसफर कर दी गई। साइबर पुलिस संबंधित बैंक से खाता धारकों के संबंध में जानकारी एकत्र कर रही है।